


बस्तर संभाग में माओवादी उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में शुक्रवार को 13 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया। आत्मसमर्पण के बाद शासन द्वारा प्रत्येक surrendered माओवादी को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया।
तीन डिवीजन के सक्रिय सदस्य शामिल
आत्मसमर्पित माओवादियों में पश्चिम बस्तर डिवीजन, धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर (एओबी) डिवीजन के सक्रिय सदस्य शामिल हैं। इनमें कई कुख्यात और इनामी माओवादी भी हैं, जिन पर कुल 23 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था।
इनामी माओवादी जो हुए सरेंडर
आत्मसमर्पण करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
देवे मुचाकी, कंपनी नंबर-2 की पार्टी सदस्य, इनाम 8 लाख रुपये
कोसा ओयाम, एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये
कोसी पोड़ियाम, केएएमएस अध्यक्ष, इनाम 2 लाख रुपये
इसके अलावा अन्य पीएलजीए, एलओएस और पार्टी सदस्य भी आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल हैं।
'नियद नेल्ला नार योजना' बनी प्रेरणा स्रोत
पुलिस के अनुसार, इन माओवादियों ने छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति ‘नियद नेल्ला नार योजना’ से प्रेरित होकर आत्मसमर्पण किया। संगठन में भेदभाव, वरिष्ठों की उपेक्षा, भविष्य को लेकर अनिश्चितता और सुरक्षा बलों का लगातार दबाव आत्मसमर्पण के पीछे प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।
2025 में अब तक 126 माओवादी ढेर
बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक जिले में 270 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं, 241 ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 126 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, सरकार की पुनर्वास नीति, सुरक्षा बलों की सतत उपस्थिति और सामाजिक पुनर्स्थापन की पहल से बस्तर में शांति और विकास की गति तेज़ हुई है।